प्रदेश की सहकारी गन्ना समितियों एवं शीर्ष संस्था उ.प्र. सहकारी गन्ना समिति संघ के
कर्मचारियों की सेवाएं नियंत्रित करने हेतु उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा-122
के अन्तर्गत शासन के अनुमोदनोपरान्त उ.प्र. सहकारी गन्ना सेवा नियमावली, 1975 प्रख्यापित
की गयी है। उक्त नियमावली के नियम 35 में सक्षम प्राधिकारी एवं नियम 36 में विभिन्न
प्राधिकरणों का गठन निम्नवत किया गया हैः
नियम 35 – भर्ती एवं नियुक्ति प्राधिकरण
- ज़ोनल गन्ना सेवा प्राधिकरण
- नियम-3 में परिभाषित सम्बन्धित गन्ना समिति के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी
- सामयिक पर्ची वितरक
- जिला गन्ना सेवा प्राधिकरण
- सामयिक कैशियर
- सामयिक लिपिक
- जीप ड्राइवर
- क्षेत्रीय गन्ना सेवा प्राधिकरण
- सहायक लेखाकार
- स्थायी लिपिक
- राज्य गन्ना सेवा प्राधिकरण
- समिति वेतन भोगी लेखाकार एवं कोषाध्यक्ष
- नियम-3 (च) में परिभाषित गन्ना संघ के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी
- गन्ना संघ के स्वामित्व वाले वाहनों के ड्राइवर
- नियम3 (ई) परिभाषित गन्ना संघ के लिपिक संवर्गीय कर्मचारी
- गन्ना समितियों तथा संघ के नियम-3 ’’क’’में परिभाषित सभी प्रकार के
पर्यवेक्षकीय कर्मचारी
किसी स्तर पर गन्ना आयुक्त द्वारा सृजित, इन प्राधिकरणों के कार्य क्षेत्र में पड़ने
वाला कोई अन्य पद, जो गन्ना आयुक्त द्वारा इंगित किया जाय।
36. "नियम संख्या 35 में उल्लिखित प्राधिकरणों का गठन निम्नवत है
(1) ज़ोनल गन्ना सेवा प्राधिकरण
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1
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क्षेत्र का ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक
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पदेन अध्यक्ष
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2
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सम्बन्धित गन्ना समिति की प्रबन्ध कमेटी द्वारा नामित दो प्रतिनिधि
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सदस्य
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3
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सम्बन्धित जिले के जिला गन्ना अधिकारी द्वारा नामित परिक्षेत्र क एक गन्ना विकास निरीक्षक
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सदस्य
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4
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गन्ना समिति का सचिव
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पदेन सदस्य सचिव
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नोट:-
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(अ)यदि एक ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के नियंत्रित क्षेत्र में एक गन्ना समिति से
अधिक गन्ना समितियां हों तो प्रत्येक गन्ना समिति के लिए अलग-अलग इस प्राधिकरण का गठन
होगा और वही ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पदेन इस प्रकार के प्रत्येक प्राधिकरण का
अध्यक्ष होगा।
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(ब) जब एक गन्ना समिति का कार्यक्षेत्र एक से अधिक गन्ना विकास परिषद क्षेत्र में स्थित
हो, तो क्षेत्र के उप गन्ना आयुक्त निश्चित करेंगे कि कौनसा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक
ऐसे समिति के जोनल गन्ना सेवा प्राधिकरण का अध्यक्ष होगा।
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